ओमिक्रॉन को आखिरी वैरिएंट समझना खतरनाक, पर सही कदम उठाए तो इस साल खत्म हो जायेगी महामारी: WHO चीफ की 

WHO चीफ टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि ओमिक्रॉन को कोरोना का लास्ट वैरिएंट समझना खतरनाक हो सकता है। अगर महामारी से बचने के लिए बड़े पैमाने पर उपाय किये जाते हैं तो 2022 के आखिर तक यह खत्म हो सकती है। वे UN हेल्थ एजेंसी एग्जीक्यूटिव बोर्ड मीटिंग में बोल रहे थे।

ओमिक्रॉन को आखिरी वैरिएंट समझना खतरनाक, पर सही कदम उठाए तो इस साल खत्म हो जायेगी महामारी: WHO चीफ की 
टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस (फाइल फोटो)।

जेनेवा। WHO चीफ टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि ओमिक्रॉन को कोरोना का लास्ट वैरिएंट समझना खतरनाक हो सकता है। अगर महामारी से बचने के लिए बड़े पैमाने पर उपाय किये जाते हैं तो 2022 के आखिर तक यह खत्म हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह के हालात को रोका जा सके, इसलिए मौजूदा महामारी से सबक सीखने और नये समाधान खोजने की जरूरत है। इसके लिए हमें महामारी के खत्म होने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

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ओमिक्रोन को आखिरी वैरिएंट समझना बड़ी भूल

WHO के कार्यकारी बोर्ड की बैठक के उद्घाटन के मौके पर ट्रेडोस ने कहा कि हमें कोरोना महामारी के पूरी तरह से खत्म होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। इससे सबक लेते हुए भविष्य में इस तरह के आपातकालीन हालात को रोकने के लिए उपाय तलाशने चाहिए।ट्रेडोस ने कहा कि ओमिक्रोन को कोरोना वायरस का आखिरी वैरिएंट समझना बड़ी भूल होगी। इसके चलते विश्वभर में बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। भले ही यह वैरिएंट गंभीर नहीं है, लेकिन इससे नए वैरिएंट के उभरने का खतरा ज्यादा है।उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह के हालात को रोका जा सके, इसलिए मौजूदा महामारी से सबक सीखने और नए समाधान खोजने की जरूरत है। इसके लिए हमें महामारी के खत्म होने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

पिछले वीक कोरोना से हर 12 सेकंड में एक मौत
WHO चीफ के अनुसार पिछले वीक के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर तीन सेकंड में 100 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। इस वायरस ने हर 12 सेकंड में एक इंसान की जान ली। 2019 में पहला केस आने के बाद से अब तक कोरोना वायरस वर्ल्ड में 56 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। WHO कई महीनों से मांग कर रहा है कि गरीब देशों में वैक्सीन पहुंचाने में तेजी लाएं। संगठन ने सभी देशों से जून 2022 तक अपनी कम से कम 70% आबादी का वैक्सीनेशन करने की अपील की है। WHO के 194 सदस्य देशों में से आधे देशों ने 2021 के आखिर तक अपनी 40% आबादी को वैक्सीन लगा दी थी। इसी दौरान अफ्रीका में 85% लोगों को वैक्सीन का एक भी डोज नहीं मिला था।
आ सकते हैं और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट 
WHO चीफ ने कहा कि वर्ल्ड को कोरोना संक्रमण के साथ रहना सीखना होगा। ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर वैरिएंट है। इसके मामलों में विस्फोटक वृद्धि होने के बावजूद मौतों का आंकड़ा कम है। यह मानना डैंजर होगा कि ओमिक्रॉन कोरोना का आखिरी वैरिएंट होगा या यह महामारी का आखिरी दौर है। वर्ल्ड में कोरोना के नए वैरिएंट सामने आने का खतरा है, जो और ज्यादा घातक हो सकते हैं।

मिला नया वैरिएंट
इंडिया में कोरोना के ओमिक्रॉन की लहर के बीच वायरस के एक और BA-2 नाम वैरिएंट का खतरा मंडराने लगा है। मध्य प्रदेश के इंदौर में नए स्ट्रेन से संक्रमित 16 पेसेंट मिले हैं। इनमें छह बच्चे भी हैं। देशभर से 530 सैम्पल जांच के लिए भेजे गये हैं। UK, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क में भी इसके केस सामने आये हैं। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह ही तेजी से फैलता है। ऐसे में इसकी पहचान न होने पर इसके संक्रमण को रोक पाना बड़ी चुनौती है। टेस्ट किट की पकड़ में भी नहीं आ रहा है। इसी वजह से इसे ‘स्टेल्थ’ यानी छिपा हुआ वर्जन कहा जा रहा है। ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में से हर एक देश ने 100 से ज्यादा सैम्पल जांच के लिए भेजे हैं।

कोरोना महामारी को खत्‍म करने के लिए पूरी दुनिया को एक होना होगा

डब्ल्यूएचओ के चीफ ट्रेडोस अढानम घेब्रेयेसस ने सोमवार को कहा कि वर्ल्ड कोरोना महामारी में नाजुक मोड़ पर खड़ा है। इस मुश्किल दौर को खत्म करने के लिए सभी देशों को एक होना होगा। उन्होंने कहा कि इस महामारी को हम मिलकर खत्म कर सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने के लिए हमारे पास सभी हथियार मौजूद हैं। जर्मनी की विकास मंत्री स्वेंजा शुल्ज के साथ प्रेस कांफ्रेंस में ट्रेडोस ने कहा कि कोरोना महामारी अब तीसरे साल में प्रवेश कर रही है। हम नाजुक मोड़ पर हैं। हमें इस महामारी के गंभीर चरण को खत्म करने के लिए मिलकर काम करना होगा। हम दहशत और उपेक्षा के बीच झूलते हुए इसे यूं ही बने नहीं रहने दे सकते हैं।

70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करना होगा

उन्होंने कहा कि हम इसी साल कोरोना के चलते पैदा हुई आपात हालात को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए हमें डब्ल्यूएचओ की तरफ से पूरे विश्व की 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिन्हें ज्यादा खतरा है उनके टीकाकरण कर पर हमें ध्यान देना होगा और जांच भी बढ़ानी होगी।


पिछले वीक कोरोना से हर 12 सेकंड में एक मौत
WHO चीफ के अनुसार पिछले वीक के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर तीन सेकंड में 100 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। इस वायरस ने हर 12 सेकंड में एक इंसान की जान ली। 2019 में पहला केस आने के बाद से अब तक कोरोना वायरस वर्ल्ड में 56 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। WHO कई महीनों से मांग कर रहा है कि गरीब देशों में वैक्सीन पहुंचाने में तेजी लाएं। संगठन ने सभी देशों से जून 2022 तक अपनी कम से कम 70% आबादी का वैक्सीनेशन करने की अपील की है। WHO के 194 सदस्य देशों में से आधे देशों ने 2021 के आखिर तक अपनी 40% आबादी को वैक्सीन लगा दी थी। इसी दौरान अफ्रीका में 85% लोगों को वैक्सीन का एक भी डोज नहीं मिला था।
और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट आ सकते हैं
WHO चीफ ने कहा कि वर्ल्ड को कोरोना संक्रमण के साथ रहना सीखना होगा। ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर वैरिएंट है। इसके मामलों में विस्फोटक वृद्धि होने के बावजूद मौतों का आंकड़ा कम है। यह मानना डैंजर होगा कि ओमिक्रॉन कोरोना का आखिरी वैरिएंट होगा या यह महामारी का आखिरी दौर है। वर्ल्ड में कोरोना के नए वैरिएंट सामने आने का खतरा है, जो और ज्यादा घातक हो सकते हैं।

मिला नया वैरिएंट
इंडिया में कोरोना के ओमिक्रॉन की लहर के बीच वायरस के एक और BA-2 नाम वैरिएंट का खतरा मंडराने लगा है। मध्य प्रदेश के इंदौर में नए स्ट्रेन से संक्रमित 16 पेसेंट मिले हैं। इनमें छह बच्चे भी हैं। देशभर से 530 सैम्पल जांच के लिए भेजे गये हैं। UK, ऑस्ट्रेलिया और डेनमार्क में भी इसके केस सामने आये हैं। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन की तरह ही तेजी से फैलता है। ऐसे में इसकी पहचान न होने पर इसके संक्रमण को रोक पाना बड़ी चुनौती है। टेस्ट किट की पकड़ में भी नहीं आ रहा है। इसी वजह से इसे ‘स्टेल्थ’ यानी छिपा हुआ वर्जन कहा जा रहा है। ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में से हर एक देश ने 100 से ज्यादा सैम्पल जांच के लिए भेजे हैं।