JDU: संजय झा चुने गये जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया निर्णय

जेडीयू नेता संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में  यह बड़ा फैसला लिया गया है। बिहार के सीएम सह जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट सीएम नीतीश कुमार ने खुद संजय झा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की।

JDU: संजय झा चुने गये जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया निर्णय
संजय झा को मिली बड़ी जिम्मेवारी।

Bihar Politics: जेडीयू नेता संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में  यह बड़ा फैसला लिया गया है। बिहार के सीएम सह जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट सीएम नीतीश कुमार ने खुद संजय झा के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की। इस पर पार्टी के नेताओं ने इस पर सहमति भी दे दी है।

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जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बैठक में पार्टी की ओर से कई प्रस्ताव भी पारित किये गये हैं जिसमें लोकसभा चुनाव परिणाम में सम्मानजनक प्रदर्शन की तारीफ करते हुए अब झारखंड चुनाव में भी जदयू उम्मीदवार उतारे जाने की सहमति बनी है। ललन सिंह के इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार खुद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं। लेकिन अब जैसे ही विधानसभा चुनाव नजदीक आया तो उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संजय झा को दे दी। अब संजय झा के ऊपर देश में जेडीयू के संचालन की जिम्मेदारी होगी।

नीतीश के बाद जेडीयू में संजय झा अब नंबर दो की भूमिका में आ गये हैं। कुछ दिन पहले ही उन्हें राज्यसभा में जेडीयू संसदीय दल का नेता भी बनाया गया था। इससे पहले वे बिहार की नीतीश सरकार मेंजल संसाधन समेत कई अहम विभागों के मंत्री भी रहे। संजय झा बिहार के मिथिला क्षेत्र से आते हैं।  जेडीयू का चर्चित ब्राह्मण चेहरा है। वह इस समय जेडीयूअध्यक्ष नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। लगभग पांच महीने पहले नीतीश कुमार की इंडिया गठबंधन से एनडीए में वापसी कराने में संजय झा ने सूत्रधार की भूमिका निभाई थी।

नीतीश कुमार ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी

जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर संजय झा ने कहा कि हमारे नेता और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएम नीतीश कुमार ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं उनका आभारी हूं और नीतीश कुमार ने बिहार को बदल दिया है। वह चुनाव बिहार में जो हुआ उससे पता चला कि हमने 40 में से 30 सीटें जीतीं, हमने 243 में से 177 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की।

संजय झा का सियासी सफर

संजय कुमार झा नीतीश कुमार के खास और करीबी नेता माने जाते हैं। इन्होंने बिहार सरकार में जल संसाधन और सूचना और जनसंपर्क विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया है। वे बिहार विधान परिषद के सदस्य भी थे। फररवरी 2024 में वे बिहार से बशिष्ठ नारायण सिंह के स्थान पर जनता दल (यूनाइटेड) से निर्विरोध राज्यसभा के सदस्य चुने गये थे।

जेटली की पाठशाला में तैयार हुए

राज्यसभा सांसद संजय झा वर्तमान सीएम नीतीश के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं। अब नंबर दो की भूमिका मेंआ गए हैं। उनके बीजेपी के नजदीकी होनेकी चर्चा भी राजनीतिक गलियारों में होती रहती है। इसका कारण यह है कि झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी से ही की थी। एक्स सेंट्रल मिनिस्टर और बीजेपी के बड़े नेता रहे दिवंगत अरुण जेटली की पाठशाला में वेतैयार हुए। हालांकि बाद में वेबीजेपी छोड़कर जेडीयू में आ गये।
दो दशक के करियर में संजय झा की सियासत नेबार-बार परीक्षा ली। संजय झा 2009 में दरभंगा में लोकसभा चुनाव में प्रबल दावेदार थे। उस समय वे बीजेपी के एमएलसी हुआ करते थे। मगर उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। 2014 में जेडीयू के सिंबल पर वे दरभंगा सेलोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सवा लाख वोट ही मिले।  हार का सामना करना पड़ा। 2019 और 2024 मेंभी बिहार एनडीए में दरभंगा सीट जेडीयू के खाते में जाने की चर्चा तेज हुई। 2019 में तो सीएम नीतीश कुमार ने खुद ही कहा था कि हमने बस एक ही सीट के लिए बीजेपी पर दबाव बनाया था, वह दरभंगा सीट थी। हालांकि, बीजेपी ने यह सीट अपने पास ही रखी। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद जब सेंट्रल में एनडीए की सरकार बनी तो, संजय झा के नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा हुई। मगर जेडीयू के एक्स प्रसिडेंट ललन सिंह रेस में आगे निकल गये।

संजय झा ने मिथिला को दिलाया फायदा

संजय झा पर बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के नजदीकी होने की चर्चा होती रहती है। संजय झा बीजेपी में दिवंगत अरुण जेटली के सबसे खास रहेथे। जेडीयू में आने के बाद भी उनकी जेटली से नजदीकी बनी रही। सेंट्रल में एनडीए की सरकार बननेके बाद उन्होंने इसका फायदा भी उठाया। संजय झा दरभंगा में एयरपोर्ट और एम्स जैसी प्रोजेक्ट लाने में सफल रहे। जेडीयू के नये कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा का जन्म एक दिसंबर 1967 को मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड स्थित अररिया संग्राम गांव में हुआ था। उन्होंने  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया है। उनकी पत्नी का नाम एनाक्षी झा है। दोनों के तीन बच्चे हैं। संजय झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2004-2005 मेंकी थी। 2006 में वे पहली बार बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। इसके बाद वे लगातार एमएलसी बनतेरहे। फरवरी 2024 में जेडीयू ने उन्हें वशिष्ठ नारायण सिंह की जगह राज्यसभा में भेजा। इससे पहले वे तीन बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। नीतीश सरकार में जल संसाधन विभाग और सूचना और जनसंपर्क विभाग सहित महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभायी संजय झा ने नीतीश सरकार में जल संसाधन विभाग और सूचना और जनसंपर्क विभाग सहित महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी निभाई। वे दो जून 2019 से 16 नवंबर 2020 तक, 9 फरवरी 2021 से 9 अगस्त 2022 तक, और 16 अगस्त 2022 से 28 जनवरी 2024 तक मंत्री रहे। 

कुशेश्वरस्थान प्रखंड में कई योजनाएं लागू की 

संजय झा बिहार के मिथिला क्षेत्र से आते हैं, इस वजह से उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास के कई काम किए। खासकर दरभंगा में बाढ़ की विभीषिका को कम करनेके लिए वे कई योजना लेकर आये। बाढ़ के पानी को रोकने में सफल भी रहे। संजय झा ने कुशेश्वरस्थान प्रखंड में कई योजनाएं लागू कीं, जहां किसान खेती नहीं कर पाते थे आज खूब खेती हो रही है। इस क्षेत्र को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए उन्होने ‘कमला जनसंपर्क यात्रा की और ग्राउंड जीरो पर जाकर समस्याओं को देखा और जाना। उन्होंने कमला बलान बायां एवं दायां तटबंध का ऊंचीकरण और सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण का कार्य करवाया।  इससे मधुबनी एवं दरभंगा जिले के कई प्रखंडों के बड़े इलाके को बाढ़ से स्थायी सुरक्षा मिल गई, जिससे लाखों लोग को फायदा पहुंचा।

कमला नदी के दोनों तटबंधों केऊंचीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर पक्कीकरण कार्य कराया

वर्ष 2019 में जब कमला नदी का तटबंध कई स्थानों पर टूट गया था। तब संजय झा ने बतौर जल संसाधन मंत्री मिथिला को कमला नदी की बाढ़ से कारगर एवं दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की टीम को बुलाया। पूरे इलाके का सर्वे कराया। टीम की रिपोर्ट और कमला नदी के उच्चतम जलस्तर के आंकड़ों का अध्ययन कर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की विस्तृत योजना तैयार की गई। इसमें नेपाल सीमा पर जयनगर में 405 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कमला बराज का निर्माण हो रहा है, जबकि कमला नदी के दोनों तटबंधों के कुल 136 किलोमीटर से अधिक लंबाई में दो फेज में कुल 622.99 करोड़ रुपये की लागत से ऊंचीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर पक्कीकरण का कार्य कराया गया।
मिथिला के मोक्ष धाम सिमरिया घाट को सजाने का काम किया
संजय झा की उपलब्धि में सबसे बड़ा काम तब हुआ जब वर्षो से उपेक्षित मिथिला के मोक्ष धाम सिमरिया घाट को सजाने का काम किया गया। यहां 500 मीटर में घाट का निर्माण किया जा गया है। धर्मशाला, कल्पवास, बाथरूम, शौचालय का निर्माण कार्यकिया पूरा कर लिया गया है। बतौर जल संसाधन मंत्री उन्होंने कमला नदी के दोनों तटबंधों को मजबूत कराया। दोनों ही तटों पर सड़कें बनी हैं। इससे बाढ़ की समस्या का काफी हल निकला है।