झारखंड: विदेशी म्यूटेंट का पता लगायेगी गवर्नमेंट !, पेसेंट के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग आईएलएस भुवनेश्वर में करायी जायेगी
- सभी मेडिकल कॉलेजों को भेजा जायेगा पत्र
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जमशेदपुर,हजारीबाग,रांची,पलामू व धनबाद जिले में मिले डैंजर डेल्टा वैरिएंट
धनबाद
रांची। झारखंड गवर्नमेंट कोरोना की सेकेंड वेव में हुई मौत में विदेशी म्यूटेंट का पता लगायेगी। इसके लिए स्टेट में एक अप्रैल व उसके बाद कोरोना से जितनी भी मौतें हुई है उसके सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग आईएलएस, (इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज) भुवनेश्वर में करायी जायेगी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिया है।
स्टेट के सभी मेडिकल कॉलेजों के साथ आईआरआई, इटकी को सेंटेनल सर्विलेंस साईट बनाया है।सभी सर्विलेंस साईट के आरटीपीसीआर लैब के एचओडी को नोडल अफसर बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी नोडल अफसर को निर्देश दिया है कि एक अप्रैल व उसके बाद जितनी भी मौतें हुई हैं उसका एसआरएफ आईडी जिला प्रशासन से लेकर उसका सैंपल 48 घंटे के अंदर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस भुवनेश्वर भेजा जाए।
बताया जाता है कि सभी सैंपल सुरक्षित रखे जाते हैं। उनकी जांच से इस बात की जानकारी मिलेगी कि राज्य में कोविड के कितने प्रकार के म्यूटेंट एक्टिव थे और कौन सा कितना खतरनाक है।गवर्नमेंट अब स्टेट में इलाकावार कोरोना की मारक क्षमता का अध्ययन करेगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में कोविड के सबसे ज्यादा संक्रमित इलाके (जहां सबसे ज्यादा आउटब्रेक हो रहे) के 15 सैंपल हर 15 दिन में गेनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजेगी ताकि म्युटेंट की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सके और उस पर काबू पाने के लिए जरूर कदम उठाए जा सकें। हर सेंटिनल साईट को हर दो सप्ताह में 15 सैंपल निश्चित रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस भेजने का निर्देश गया है। साथ ही नियमित मॉनीटरिंग का भी निर्देश दिया गया है।
स्टेट में363 सैंपल की जांच जिसमें 301 में मिले हैं विदेशी म्यूटेंट
इससे पहले रिम्स, एमजीएम, टीएमएच, आईआरआई, पलामू, हजारीबाग व पीएमसीएच से कुल 537 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए भुवनेश्वर भेजे गये थे। 174 का रिपोर्ट अभी नहीं आई है। जबकि, 363 में से 301 में विदेशी म्यूटेंट की पुष्टि हुई है। ये सभी सैंपल आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव मिले थे। इन सैंपलों की सीटी वैल्यू सीटी वैल्यू 25 से कम थी।
पांच जिलों में मिले खतरनाक वैरिएंट
जीनोम सिक्वेंसिंग में झारखंड में इसके सबसे अधिक वैरिएंट मिले हैं। कोरोना की सेकेंड वेव आने के बाद कराई गई जीनोम सिक्वेंसिंग में 75 परसेंट सैंपल में कोरोना के खतरनाक वैरिएंट (वैरिएंट ऑफ कंसर्न) मिले हैं। इनमें बड़ी संख्या में डेल्टा के वैरिएंट हैं।अबतक 363 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई, जिनमें 301 में कोरोना के विभिन्न वैरिएंट मिले। इनमें 29 सैंपल में अल्फा (यूके वैरिएंट) तथा 272 में डबल म्यूटेंट के विभिन्न उपसमूहों के वैरिएंट मिले। डबल म्यूटेंट के 272 सैंपल में भी 171 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिले। ये सभी डेल्टा वैरिएंट जमशेदपुर, रांची, हजारीबाग, धनबाद तथा पलामू में मिले हैं।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट में संक्रमण की क्षमता काफी अधिक होती है। कोरोना के स्वरूप जानने के लिए आरटी-पीसीआर में पाॅजिटिव पाये गये सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाती है। यह सिक्वेंसिंग भुवनेश्वर स्थित रीजनल जीनोम सिक्वेंसिंग लेबोरेट्री में कराई जाती है।जमशेदपुर में 66, हजारीबाग में 31,रांची में 23,पलामू में 19,धनबाद में 32 डेल्टा (बी.1.617.2) वैरिएंट मिले हैं।
अन्य वैरिएंट जिस जिले में मिले
बी.1.617 (डबल वैरिएंट) : रांची में व जमशेदपुर में तीन-तीन, बी.1.1.7 (अल्फा) : रांची में 18, जमशेदपुर में सात, हजारीबाग में दो व पलामू में दो मिले हैं। बी.1.617.1 (कापा) : रांची में आठ, जमशेदपुर में 43, हजारीबाग में पांच, धनबाद में चार व पलामू में तीन मिले हैं। बी.1.617.3 : जमशेदपुर व पलामू में दो-दो, बी.1 (डबल वैरिएंट) : रांची में दो, जमशेदपुर में छह, पलामू में तीन व धनबाद में आठ,बी.1.1 (वीओसी) : रांची में एक, बी.1.36.29 (वीओसी) : जमशेदपुर में एक, बी.1.530 (वीओसी) : रांची में एक, बी.1.153 : पलामू में दो, बी.1.222 : धनबाद में चार व बी.1.445 : धनबाद में एक पाये गये हैं.