झारखंड: संजू प्रधान की मर्डर में पर डे सामने आ रहे नये तथ्य, सफेदपोशों का भी हाथ, मामले की हो CBI जांच: बाबूलाल
झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सिमडेगा के बेसराजारा गांव में बीते चार जनवरी को हुई संजू प्रधान की मर्डरको बड़ी साजिश बताया है। उन्होंने इस मर्डर में सफेदपोशों का हाथ होने की आशंका जताते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
रांची। झारखंड के एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सिमडेगा के बेसराजारा गांव में बीते चार जनवरी को हुई संजू प्रधान की मर्डरको बड़ी साजिश बताया है। उन्होंने इस मर्डर में सफेदपोशों का हाथ होने की आशंका जताते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
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झारखंड में मॉब लींचिंग का कानून तो अभी पास हुआ है, ऐसे अपराधों के लिए कानून तो पहले से ही बने हुए हैं।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) January 8, 2022
जिस प्रकार संजू प्रधान की घटना हुई, उससे स्पष्ट है कि दोषियों को बचाने और निर्दोषों को पकड़कर जेल भेजने का षड्यंत्र चल रहा है।
सीबीआई जाँच से ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा। pic.twitter.com/YwSZ3QXBNy
झारखंड बीजेपी हेडक्वार्टर में शनिवार को मीडिया से बातचीत में बाबूलाल ने इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है। उन्होंने सिमडेगा एसपी और लोकल थानेदार को तत्काल डिसमिस करने की मांग भी की है। संजू प्रधान के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी देने के की मांग स्टेट गवर्नमेंट से की है। इस मौके पर बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर आशा लकड़ा, बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर भी उपस्थित थीं।
क्रूरता से भरा हुआ घटना
बाबूलाल ने कहा कि कल मैंने बेसराजारा गांव जाकर संजू प्रधान की पत्नी और उनके परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने विस्तार से पूरी घटना की जानकारी मुझे दी। बताया कि किस प्रकार संजू प्रधान को घर से घसीटकर ले जाया गया और क्रूरता पूर्वक जला कर उनकी मर्डर कर दी गई। बाबूलाल ने कहा कि पूरा घटनाक्रम एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। इसमें सफेदापोश लोगों का हाथ होने की पूरी आंशका है। पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस से संजू प्रधान की पत्नी बचाने की गुहार लगाती ही लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, बल्कि वीडियो बनाते रहे। सिमडेगा पुलिस हेडक्वार्टर घटनास्थल से मात्र 15 किलोमीटर दूर होने के बाद भी पुलिस अफसर नहीं पहुंचे। अगले दिन डीसी और एसपी गांव में पहुंचते हैं।
बाबूलाल ने कहा कि इस प्रकरण में जिन तीन लोगों को अरेस्ट कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है, वह संजू प्रधान के परिजन ही हैं। उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं। बाबूलाल ने कहा कि पुलिस ने संजू प्रधान की पत्नी से तीन सादे पेपर पर हस्ताक्षर भी कराएं हैं, जाने पुलिस उसका क्या करेगी। उन्होंने कहा कि जिस लकड़ी काटने वाले पुराने मामले से इस प्रकरण को जोड़ने की कोशिश की जा रही है, वह मामला अक्टूबर का है। उसका घटना से कोई लेना देना नहीं।
बाजार में होती थी गोमांस की बिक्री, संजू प्रधान करता था उसका विरोध
बाबूलाल मरांडी ने बताया कि बेसराजारा गांव में संजू प्रधान के घर के सामने के ही एक हाट लगता है। हाट में गोमांस मांस की खुले आम बिक्री होती थी, इसका वह विरोध करता था। उस वजह से लोग इसे तरह-तरह की धमकी देते थे। बेसराजारा गांव से लगभग दो किलोमीटर बगल के बंबेलकेरा गांव में चार जनवरी को जिस दिन घटना घटी, उस दिन लोग मीटिंग करते हैं और मीटिंग के बाद वहां से चार-पांच सौ की संख्या में लोग बेसराजारा गांव आते हैं। ठेठाईटांगर की पुलिस भी उनके साथ में थी। बंबेलकेरा गांव के जो ग्राम प्रधान थे, संजू प्रधान को पकड़कर-घसीटकर ले जाते हैं। संजू के परिजनों ने बात करने की, कोशिश की बचाने की कोशिश करते हैं लेकिन कोई नहीं सुनता है।
बाबूलाल ने कहा कि संजू की पत्नी सपना देवी हमें बताया कि वह पुलिस के पैर पकडती रही कि आप लोग हवाई फायरिंग करिए लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। मूकदर्शक बनीं रही और वीडियो बनाती रही। लोगों ने उसे पीटने के बाद क्रूरता पूर्वक वहीं जला दिया। अपने आप में यह ह्दयविदारक घटना है।