Jharkhand: जामताड़ा के डोकीडीह में सरस्‍वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव, इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी जख्मी,पुलिस फायरिंग 

झारखंड में जामताड़ा जिले के नारायणपुर पुलिस स्टेशन एरिया के डोकीडीह गांव में शुक्रवार की देर शाम सरस्वती प्रतिमा विसर्जन का रास्ता रोक दिया। इस दौरान एक ग्रुप ने जमकर पत्थरबाजी की। पत्थरबाजी में में नारायणपुर पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सब इंस्पेक्टर संतोष गोस्वामी एवं दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। उपद्वरी पत्थरबाजों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

Jharkhand: जामताड़ा के डोकीडीह में सरस्‍वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव, इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी जख्मी,पुलिस फायरिंग 
  • डोकीडीह गांव में सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन के लिए तालाब जाने से समुदाय विशेष के लोगों ने रोका
 जामताड़ा। झारखंड में जामताड़ा जिले के नारायणपुर पुलिस स्टेशन एरिया के डोकीडीह गांव में शुक्रवार की देर शाम सरस्वती प्रतिमा विसर्जन का रास्ता रोक दिया। इस दौरान एक ग्रुप ने जमकर पत्थरबाजी की। पत्थरबाजी में में नारायणपुर पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सब इंस्पेक्टर संतोष गोस्वामी एवं दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। उपद्वरी पत्थरबाजों को खदेड़ने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

डोकीडीह गांव के मोहली टोला के लोग शुक्रवार को सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए तालाब की ओर जा रहे थे। आरोप है कि एक समुदाय विशेष के लोगों ने इस पर आपत्ति जतायी। रास्ते से प्रतिमा ले जाने का विरोध किया। रास्ता रोक दिया। पूजा कमेटी ने इसकी सूचना नारायनपुर पुलिस को दी। सूचना मिलते ही  पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार, थाना प्रभारी अभय कुमार, बीडीओ प्रभाकर मिर्धा मौके पर पहुंचे। पुलिस व प्रशासनिक अफसर लोगों को को समझाने में जुट गये। इसी दौरान अचानक एक समुदाय विशेष की ओर से भीड़ ने पत्थरबाजी शुरु कर दी। 
पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार पर लगी गंभीर चोट,हाथ फ्रैक्चर 
पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया। इस दौरान पूजा कमेटी पक्ष के लोग बिना डीजे के मस्जिद वाली गली में प्रतिमा विसर्जन के लिए तैयार हो गये। एक ठेला पर प्रतिमा लेकर  विसर्जन के लिए तालाबू ले जा रहे थे। पुलिस एवं प्रशासनिक अफसर भी मौके पर मौजूद थे। आरोप है कि अचानक दूसरे समुदाय की भीड़ हो-हल्ला करने लगी।उग्र भाड़ी ने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी। सैकड़ों लोगों ने अचानक पुलिस-प्रशासन की टीम पर भी हमला बोल दिया।पत्थर लगने से नारायणपुर पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सब-इंस्पेक्टर संतोष गोस्वामी, हवलदार संजय कुमार मेहता, पुलिसकर्मी राकेश कुमार घायल हो गये। सभी घायलों को उपचार के लिए सीएचसी नारायणपुर लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए धनबाद रेफर कर दिया गया।  पुलिस इंस्पेक्टर मनोज कुमार के सिर पर गंभीर चोट है। उनका दांया हाथ व कंधा  में फ्रैक्चर हो गया है। इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर का धनबाद के एशियन जालान हॉस्पिटल में इलाज किया गया है। दो पुलिसकर्मी एसएनएमएमसीएच धनबाद में इलाजरत हैं। 
आत्मरक्षार्थ  पुलिस को करनी पड़ी हवाई फायरिंग
सूचना मिलते ही डीसी फैज अक अहमद मुमताज, एसपी मनोज कुमार स्वर्गियारी, एसडीओ संजय पांडेय समेत अन्य पुलिस व प्रशासिनक अफसर अतिर्कित पुलिसकर्मी के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उपद्रवियों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने आत्मरक्षार्थ कई राउंड की फायरिंग की। जिले के सीनीयर पुलिस व प्रशासनिक अफसर घंटो मौके पर जमे रहे। लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी नारायणपुर पुलिस स्टेशन एरिया के टोपाटांड़ व लखनुडीह गांव में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो गुटों में जमकर पत्थरबाजी हुई थी।
बोले डीसी व एसपी-पत्थरबाजी करनेवालों पर होगी कार्रवाई 
प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसर घटनास्थल पर मौजूद रहे। जामताड़ा डीसी फैज अक अहमद मुमताज नेकहा है कि पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। कुछ असामाजिक तत्वों ने इस सौहार्द बिगाड़ने वाली घटना को अंजाम दिया है। किसी भी उपद्रवियों का बख्शा नहीं जाएगा। आरोपितों को चिह्नित किया जा रहा है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्ताक कर क्षेत्र में शांति बहाली की जायेगी। एसपी मनोज स्वर्गियारी ने कहा कि पूजा के आयोजन के पहले शांति समिति की बैठक की गई थी। पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए हवाई पायरिंग करनी पड़ी। वरना मामला और भी बिगड़ सकता था। यह चिह्नित किया जा रहा है कि इस पूर्व नियोजित उपद्रव में किसका हाथ है। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा।
बताया जाता है कि डोकीडीह गांव में देर शाम सरस्वती प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा था। प्रतिमा अपने पूर्व निर्धारित रूट से विसर्जन स्थल की ओर ले जाया जा रहा था। इस रास्ते में एक समुदाय विशेष के लोगों का घर भी पड़ता है। प्रतिमा विसर्जन के दौरान सभी लोग डीजी बजाते विसर्जन स्थल की ओर जा रहे थे। तभी समुदाय विशेष के लोगों ने छत से पत्थरबाजी शुरू कर दी। अचानक हुई पत्थरबाजी से भगदड़ मच गई और दूसरे पक्ष के लोग भी आक्रोशित हो गये। मौके पर पहुंची पुलिस टीम उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरु कर दी। आरोप है कि उपद्रवियों ने गुल्ली व फारुख के नेतृत्व में पुलिस इंस्पेक्टर को घर में खींचकर ले जाने की कोशिश की। लाठी व डंडे से हमला कर दिया। उपद्रवियों पर पर काबू पाने के लिए पुलिस ने 15 राउंड हवाई फायरिंग की। 
सूचना मिलते ही मौके पर एसपी, एसडीओ और कई थाने की पुलिस तैनात है। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि डोकीडीह गांव में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक गुट द्वारा पत्थरबाजी की गयी। पत्थरबाजी के दौरान इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी घायल हो गये।  पुलिस ने अपने बचाव के लिए हवाई फायरिंग की।
 पहले से ही थी उपद्रव की प्लानिंग
लोकल लोगों के अनुसार, मूर्ति विसर्जन डोकीडीह में स्थापित सरस्वती प्रतिमा की होने जा रही थी। यह मोहल्ला हिन्दू बहुल मोहल्ला है। विसर्जन के रास्ते में कुछ घर समुदाय विशेष के लोगों के हैं। विसर्जन तय रूट से किया जा रहा था। इसी बीच अचानक से छत पर खड़े मोहल्ले के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। लोकल लोगों के अनुसार, इतनी संख्या में पत्थरबाजी की गई इससे अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है कि सबने पहले से ही पत्थर छतों पर इकट्ठे कर रखे थे। बोरे में पत्तर व बालू भरकर रखा गया था।  जैसे ही मूर्ति विसर्जन के लिए गंतव्य की ओर रवाना हुआ तो चारों ओर से अचानक समुदाय विशेष के लोगों ने शोर मचाना और लाइटिंग शुरू कर दी। फिर अचानक से हुई पत्थरबाजी के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने बताया कि उन्हें अचानक से हुई पत्थरबाजी और उपद्रव का जरा भी अंदेशा नहीं था, लेकिन पूर्व निर्धारत और योजनाबद्ध तरीके से लोगों ने अचानक से पत्थरबाजी की और अचानक से कई गांवों के लोगों का मौके पर हुजूम उमड़ पड़ा। लोकल लोगों के अनुसार, के उपद्रवियों ने कई घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों से भी मारपीट की है। 
पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में प्रतिमा का विसर्जन 
घटना के बाद रात लगभग नौ बजे डीसी, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, जामताड़ा, करमाटांड़ और नारायणपुर पुलिस की पुलिस और आईआरबी के जवानों की मौजूदगी में मां सरस्वती की प्रतिमा का निर्धारित स्थल पर विसर्जन किया गया। इस दौरान भी समुदाय विशेष के लोग प्रतिमा विसर्जन का विरोध करते रहे। दूर-दूर तक जमा हुए उपद्रवियों का हुजूम शोर मचाता रहा।