धनबाद। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर के मामले में मंगलवार को संजीव सिंह की और से समय का आवेदन देकर कोर्ट से समय देने की प्रार्थना की गई। संजीव सिंह की और से उनके एडवोकेट मोहम्मद जावेद द्वारा आवेदन में कहा गया कि न्याय हित के लिए एवं न्याय करने में सुगमता के लिए वह हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे।
उन्होंने कहा कि 24 मार्च, 2022 को झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने संजीव सिंह के क्रिमिनल मिस पिटीशन (27/2022) को खारिज कर दिया था. आदेश को संजीव सिंह सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लिव पिटीशन दायर कर चुनौती देंगे। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व संजीव सिंह ने सेशन कोर्ट में पिटीशन दायर कर साक्षी एकलव्य सिंह व आदित्यराज को प्रतिपरीक्षण के लिए दुबारा बुलाने की मांग की थी। पिटीशन को सेशन कोर्ट ने 22 दिसंबर, 2021 को खारिज कर दिया। इसे संजीव ने हाइकोर्ट में चुनौती दी. क्रिमिनल एमपी को 24 मार्च, 2022 को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया।मामले की सुनवाई कर रही एमपी एमएलए के लिए गठित विशेष अदालत ने संजीव सिंह के आवेदन को स्वीकार करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल निर्धारित कर दी है।
मर्डर केस की सीबीआई जांच हो, राजनीतिक कारणों से मुझे फंसाया गया : संजीव सिंह
नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर मामले में मंगलवार को झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। संजीव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश से उन्हें कोर्ट में उपस्थित कराया गया था। उन्होंने अपनी और से सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन भी डाला है। उन्होंने की वह 2019 से नीरज मर्डर केस में वे सीबीआई जांच की मांग कर रहें है।हाई कोर्ट कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार से काउंटर एफिडेविट करने को कहा था। लेकिन अभी तक राज्य सरकार की और से सीबीआई जांच के को लेकर कोई काउंटर एफिडेविट नहीं किया गया है। संजीव ने कहा की राजनीतिक लाभ और अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए उन्हें इस केस में फंसाया गया है। केस चलने के दौरान कोर्ट में जो बातें सामने आई है षड्यंत्र के तहत एक पक्षीय कार्रवाई की गई।
पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व विधायक संजीव सिंह, संजय सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, पंकज सिंह, विनोद सिंह, अमन सिंह, चंदन सिंह उर्फ रोहित सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, सागर सिंह उर्फ शिबू की पेशी करायी। सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल निर्धारित की गयी। केस विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने इस केस में 37 गवाहों की गवाही करायी है। 26 जून, 2017 को केस के आइओ निरंजन तिवारी ने कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट समर्पित किया था। पांच जुलाई 2017 को अदालत ने उपरोक्त आरोपितों के खिलाफ भादंवि की धारा 302/120 (बी) एवं आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत संज्ञान लिया था। 21 मार्च, 2017 को सरायढेला क्षेत्र के स्टील गेट के समीप नीरज सिंह, अशोक यादव, गोल्टू महतो व मुन्ना तिवारी की मर्डर कर दी गयी थी।