उत्तर प्रदेश: धर्म परिवर्तन के फायदे गिनाते हुए IAS इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की जांच करेगी SIT
उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की जांच एसआईटी करेगी। स्टेट गवर्नमेंट ने डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा के नेतृत्व में एक एसआईटी बनायी है। इसमें एडीजी ज़ोन भानु भास्कर को भी शामिल किये गये हैं। एसआइटी को सात दिन के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
- स्टेट गवर्नमेंट ने दिया आदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसर इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो की जांच एसआईटी करेगी। स्टेट गवर्नमेंट ने डीजी सीबीसीआईडी जीएल मीणा के नेतृत्व में एक एसआईटी बनायी है। इसमें एडीजी ज़ोन भानु भास्कर को भी शामिल किये गये हैं। एसआइटी को सात दिन के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा है।
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तीन वीडियो वायरल हुए
तीन वीडियो वायरल हुए थे जिसमें कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त सीनियर आईएएस व वर्तमान में यूपीएसआरटीसी के अध्यक्ष इफ्तिखारुद्दीन कुछ मुस्लिम समाज के लोगों के साथ बैठे दिखे। धर्म परिवर्तन के फायदे गिना रहे वक्ता को सुन रहे थे। इतना ही नहीं वीडियो में आईएएस इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम धर्म के प्रचार की बातें भी कर रहे हैं। वीडियो एक सुसज्जित घर के अंदर के हैं जो देखने में सरकारी आवास जैसा लग रहा है। इसमें एक वक्ता जमीन पर बैठे लोगों को संबोधित कर रहा है। वह कहतें है कि अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के तौर पर ऐसा सेंटर दिया है, जहां से पूरे देश-दुनिया में काम कर सकते हैं। उसके बाद इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम में होने के फायदे गिनाते हैं।
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वह कहते हैं-ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। सीनियर आईएएस के साथ जिस समय का वीडियो वायरल हुआ है। वह अफसर समेत वहां जमीन पर बैठे अन्य लोगों को बताता है कि पंजाब में एक व्यक्ति ने इस्लाम कबूल कर लिया। मैंने उनको इस्लाम कबूल करने के लिए दावत नहीं दी थी। मैंने उनसे इस्लाम कबूल करने की वजह पूछी। इसके आगे आपत्तिजनक संवाद हैं। एक वीडियो में आईएएस ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की किताब का भी जिक्र किया है। दूसरे वीडियो में वह कहते हैं कि हर घर में अल्लाह का दीन दाखिल होना है, करना चाहिए।
आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण विवाद से क्या है कनेक्शन
कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े वायरल वीडियो में वह कथित रूप से सरकारी आवास पर धर्मांतरण के फायदे गिनाते दिख रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद वरिष्ठ आईएएस पर कई सवालिया निशान लग रहे हैं। इफ्तिखारुद्दीन 14 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर के मंडलायुक्त रह चुके हैं। वह श्रमायुक्त का पदभार भी संभाल चुके हैं। फिलहाल वह यूपी राज्य परिवहन निगम (रोजवेज) के चेयरमैन पद पर हैं।