DGMS का 122वां स्थापना दिवस: DC रेल लाइन पर खतरा बरकरार, आनेवाले समय में बंद होनी तय : DG प्रभात कुमार
DGMS के डीजी प्रभात कुमार ने कहा कि धनबाद-चंद्रपुरा (DC) रेल लाइन के आसपास की सभी माइंस बंद करा दी गयी हैं, पर खतरा बरकरार है। लाइन की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। अंडरग्राउंड फायर पर नजर रखी जा रही है। आने वाले समय में डीसी लाइन बंद होनी तय है। श्री कुमार DGMS का 122वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
- धनबाद-चंद्रपुरा लाइन बंद होनी तय
- टाइम के साथ बदलने वाला ही टिका रहेगा : अमरेंदु प्रकाश
- BSL की क्षमता बढ़ायी जायेगी, टारगेट पांच से साढ़े सात मिलियन टन होगा
धनबाद। DGMS के डीजी प्रभात कुमार ने कहा कि धनबाद-चंद्रपुरा (DC) रेल लाइन के आसपास की सभी माइंस बंद करा दी गयी हैं, पर खतरा बरकरार है। लाइन की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है। अंडरग्राउंड फायर पर नजर रखी जा रही है। आने वाले समय में डीसी लाइन बंद होनी तय है। श्री कुमार DGMS का 122वां स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
DGMS के डीजी ने कहा कि अंडरग्राउंड फायर के कारण आने वाले समय में डीसी लाइन बंद होना है। ऐसे में विकल्प पर काम होना चाहिए. फिलहाल ट्रैक ठीक है, लेकिन एक समय परिस्थिति आ जायेगी कि उसे बंद करने की अनुशंसा कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सिंफर से स्टडी करायी जा रही रही है। जानकारी मिलने पर वहां फिजीकल वेरिफिकेशन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि डीजीएमएस की रिपोर्ट पर PMO ने 15 जून 2017 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया था। अंडरग्राउंड फायर से रेल लाइन को संभावित खतरे के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया था। 26 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया था। 20 माह के आंदोलन के बाद 24 फरवरी 2019 को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर फिर से ट्रेनों का परिचालन चालू किया गया। अबएक बार फिर से ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है।
डिजिटाइजेशन से काम में पारदर्शिता आयी
डीजी ने कहा कि डिजिटाइजेशन से काम में पारदर्शिता आयी है। इंफेक्शन के रूट की लिस्टिंग भी ऑनलाइन मिल रही है।अंडरग्राउंड के मुकाबले ओपन कास्ट में दुर्घटना की आशंका कम होती है।
डीजीएमएस के डीजी प्रभात कुमार ने इंडस्ट्री से अपेक्षा की कि वह उनके कार्यों की आलोचना करें ताकि खामियां दूर की जा सकें। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता सरकार द्वारा सौंपी गयी जिम्मेदारी पूरी करनी है। न नियम से बाहर काम करें और ना ही नियम से कम। खतरा को कम करते हुए प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए उन्होंने अफसरों से रेगुलर माइंस का दौरा करने और सुरक्षा संबंधी मानकों का आकलन करते रहने को कहा। श्री कुमार ने कहा कि खतरा के अनुसार एक्शन लें ताकि प्रोडक्शन पर असर ज्यादा नहीं पड़े।
.टाइम के साथ बदलने वाला ही टिका रह सकता है: अमरेंदु प्रकाश
समारोह के चीफ गेस्ट Director-in-Charge SAIL Bokaro Steel Plant अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि समय के साथ बदलने वाला ही टिका रह सकता है। डीजीएमएस अपना 122वां स्थापना दिवस मना रहा है, इससे यह पता चलता है कि संस्था ने खुद को कितना बदला है। उन्होंने कहा कि बदलाव को आत्मसात करने वाली कंपनी या इंस्टीच्युट ही विकास की दौड़ में बने रहते हैं। यह बातें हावर्ड सहित अन्य यूनिवर्सिटी के अध्ययन में साबित हो चुकी है। अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि आज डीजीएमएस के 122 साल का गौरवपूर्ण इतिहास को डीजीएमएस के साथ मिलकर मनाना मेरे लिए काफी खुशी की बात है।
बीएसएल का प्रोडक्शन कैपिसिटी बढ़ेगा
उन्होंने कहा कि स्टील प्लांट अब स्टील प्लांट नहीं, बल्कि झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस भी है। हमलोग माइंस भी चलायेंगे और बोकारो स्टील प्लांट जो पांच मिलियन टन का प्लांट है, उसे 12 मिलियन टन का प्लांट बनाने की योजना पर काम कर रहे है। इसे आने वाले सात सालों में कर लिया जायेगा। इसी योजना के तहत हमारी कोल माइंस भी आगे बढ़ रहा है। Director-in-Charge ने कहा कि देश में 120 मिलियन टन का प्रोडक्शन हो रहा है। इसमें सेल का सर्वधिक हिस्सा 20 मिलियन टन है। बोकारो स्टील प्लांट का हिस्सा पांच मिलियन टन है।
डीजीएमएस ने 121 वर्षों में माइनिंग इंडस्ट्री में बदलाव लाया
प्रकाश ने कि डीजीएमएस ने बीते 121 वर्षों में माइनिंग इंडस्ट्री में बदलाव लाया है। इस क्षेत्र को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया है। यह सिर्फ रेगुलेटरी बॉडी ही नहीं, बल्कि मार्गदर्शक के रूप में भी अपनी भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा का इतिहास मानव सभ्यता के विकास के समय से जुड़ा हुआ है। इसलिए जब तक मानवता रहेगी, तब तक माइनिंग इंडस्ट्री भी रहेगा।
डीजीएमएस के डीजीजी इलेक्ट्रिकल अजय कुमार सिंह, डीडीजी मैकेनिकल डीबी नाइक ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन डीएमएस (एसडी) पीके सिंह ने किया।