पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर नीतीश कुमार ने कहा है कि जिस दिन जानेका मन हो, चले जाइये। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीएम पर पलटवार किया है। कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा कि बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...! ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले। ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?
जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के बयान के बाद ट्वीट के जरिए अपने दिल की बात कही है। उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ा अच्छा कहा भाई साहब आपने...!ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले। ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर....?
नीतीश-उपेंद्र कुशवाहा में विवाद का कारण
उपेंद्र कुशवाहा कुछ दिन पहले रूटीन चेकअप के लिए दिल्ली एम्स में एडमिट हुए थे। एम्स में बिहार बीजेपी के कई लीडर कुशवाहा से मिलने गये थे। इसके बाद से बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि कुशवाहा जेडीयू छोड़ेंगे। इसी से जुड़े सवाल जब सीएम नीतीश से पूछा गया था,तो उन्होंने कहा था कि वे ( कुशवाहा ) आते-जाते रहते हैं। उपेंद्र कुशवाहा जब दिल्ली से पटना आये तो सीएम नीतीश के बयान को लेकर सवाल किया गया। तब कुशवाहा ने कहा कि हम दिल्ली में इलाज करा रहे थे और पटना में पोस्टमार्टम किया जा रहा था। उन्होंने कहा था कि जेडीयू के सभी बड़े नेता बीजेपी के संपर्क में हैं। हालांकि कुशवाहा ने किसी का नाम नहीं लिया था। इशारा तो सभी समझ ही गये। इसके बाद ललन सिंह ने कहा था कि जेडीयू कमजोर नही मजबूत हो रहा है। जेडीयू का कोई लीडर बीजेपी के संपर्क में नहीं है। जो थे वे चले गये।
महागठबंधन की सरकार बननसे पहले से क्या डील हुई: उपेंद्र
उपेंद्र कुशवाहा नेमंगलवार को आरोप लगाते हुए कहा था कि बिहार आरजेडी के प्रसिडेंट सत्ता हस्तांतरण को लेकर आधिकारिक बयान दे रहे हैं। नीतीश कुमार को सीएम के पद से हटाकर आखिर ये लोग क्या करना चाह रहे हैं, यह वही बता सकते हैं। आरजेडी से गठबंधन बनाते समय क्या डील हुई, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बताएं। इसका खुलासा होना चाहिए, जो लोग डील में रहे बताएं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर बताएं। मैं मैंखड़ा नहीं होता तो सुधाकर सिंह को शोकॉज नहीं होता।