धनबाद: जज उत्तम आनंद मर्डर केस: CBI को मिले साजिश के संकेत, राहुल वर्मा और लखन वर्मा से फिर होगी पूछताछ
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मर्डर केस में सीबीआइ को साजिश के संकेत मिले हैं। सीबीआइ को साजिश रचने वालों तक पहुंचने के लिए आरोपितों को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ जरूरी है।
धनबाद। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मर्डर केस में सीबीआइ को साजिश के संकेत मिले हैं। सीबीआइ को साजिश रचने वालों तक पहुंचने के लिए आरोपितों को रिमांड पर लेकर फिर से पूछताछ जरूरी है।
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सीबीआइ को मिली साजिश के बारे में नई जानकारी
सीबीआइ की स्पेशल सेल ने शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएन मिश्रा की कोर्ट में आवेदन दिया। आवेदन में इस मामले में दोनों आरोपित राहुल वर्मा व लखन वर्मा से फिर पूछताछ करने की इजाजत मांगी है।कोर्ट को दिए आवेदन में सीबीआइ ने उल्लेख किया है कि इन्विस्टीगेशन के दौरान कुछ नयेतथ्य मिले हैं। इससे इस मर्डर केस के पीछे गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई नई जानकारी मिली है। सीबीआइ ने कहा कि यदि इस मर्डर केस में गहरी साजिश है तो पूछताछ में कुछ नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
कोर्ट ने सीबीआइ की दलील सुनने के बाद 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक छह दिन जेल में ही दोनों आरोपितों से पूछताछ करने की इजाजत दे दी है। सीबीआइ के स्पेशल जज अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट ने मामले को सत्र न्यायालय को भेज दिया था। सीबीआइ को पूछताछ की इजाजत देने से इन्कार कर दिया था। जज मर्डर केस में चार महीने बाद भी सीबीआइ के हाथ खाली है। हालांकि सीबीआइ का कहना है कि उसे इस मामले में साजिश के संकेत मिले हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस मामले में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट से नाराजगी जताते हुए कहा था कि भले ही सीबीआइ इस मामले के खुलासे को लेकर आश्वस्त हो, लेकिन अब तक की जांच से कोर्ट का विश्वास हिल गया है। फिलहाल कोर्ट देखना चाहेगी कि सीबीआइ की आगे की जांच में क्या समाने आता है।
मामला अब सेशन कोर्ट में
जज उत्तम आनंद की मर्डर के आरोप में जेल में बंद आटो चालक राहुल वर्मा व लखन वर्मा के विरुद्ध मर्डर व एवीडेंस मिटाने का मुकदमा सेशन कोर्ट में चलेगा।सीबीआइ के स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट ने सीबीआइ की दलील सुनने के बाद मुकदमे को सेशन कोर्ट को सौंप दिया था। दोनों पर आटो चोरी के मामले में भी आरोप तय किया गया था। हालांकि दोनों ने आटो चोरी के आरोप से इन्कार करते हुए ट्रायल की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ को गवाह पेश करने का आदेश दिया है।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद घर से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी। सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी है।
जज को जानबूझकर धक्का मारा लेकिन अब तक साजिश का नहीं चला पता
सीबीआइ अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की कर चुकी है। हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मोनेटरिंग कर रही है। प्रत्येक सप्ताह सीबीआइ जांच की प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करती है। सीबीआइ की अब तक की जांच से हाई कोर्ट असंतुष्ट है। सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट में बतायी गयी है कि जज को जानबूझकर धक्का मारा गया था। हालांकि इसके पीछे साजिश का अभी तक पता नहीं चल सका है।