Indian Railways: फेस्टिव सीजन में ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट, बिजी रूट पर और अधिक ट्रेनें भी चलाने की योजना
इंडियन रेलवे फेस्टिव सीजन पैसेंजर्स को स्पेशल ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट की समस्या का निदान करने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव नेकहा है कि वेटिंग लिस्ट की समस्या को खत्म करने के लिए टिकटों की संख्या का विश्लेषण किया जा रहा है। वेटिंग लिस्ट वाले ट्रेनों के रूट पर और अधिक ट्रेनें भी चलाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
- ट्रेनों के नियमित संचालन में रेलवे कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता
- वेटिंग लिस्ट की समस्या को खत्म करने के लिए टिकटों की संख्या का विश्लेषण
वेटिंग लिस्ट वाले ट्रेनों के रूट पर और अधिक ट्रेनें भी चलाने की योजना पर विचार
नई दिल्ली। इंडियन रेलवे फेस्टिव सीजन पैसेंजर्स को स्पेशल ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट की समस्या का निदान करने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव नेकहा है कि वेटिंग लिस्ट की समस्या को खत्म करने के लिए टिकटों की संख्या का विश्लेषण किया जा रहा है। वेटिंग लिस्ट वाले ट्रेनों के रूट पर और अधिक ट्रेनें भी चलाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। चेयरमैन ने कहा कि डेटा के विश्लेषण के बाद इन मार्गों पर और ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। ट्रेनों में पैसेंजर्स को कंफर्म सीट मिल सके इसके लिए क्लोन ट्रेन चलाने की भी संभावना है।रेलवे बोर्ड के चेयरमैन (सीआरबी) सोमवार को पत्रकारों से वर्चुअल वार्ता कर रहे थे।
कुछ और रुटों पर चलायी जायेंगी स्पेशल ट्रेनें
चेयरमैन ने कहा कि आंकड़ों में भले ही 93 परसेंट पैसेंजर्स से भरी ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों में मात्र 30 परसेंट पैसेंजसर ही चल रहे हैं। 44 ट्रेनों में मात्र 33 परसेंट पैसेंजर चल रहे हैं। 83 ट्रेनों की मात्र 75 परसेंट सीटें भर पा रही हैं। लेकिन 327 स्पेशल ट्रेनों की शत प्रतिशत सीटें भरने के साथ लंबी वेटिंग लिस्ट बन रही है। इन्हीं ट्रेनों के प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे इन रुटों पर क्लोन ट्रेनों के साथ अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन चलायेगा। फेस्टिव मांग को देखते हुए कुछ और रुटों पर जल्दी ही स्पेशल ट्रेनें चलाई जायेंगी।इंडियन रेलवे रेगुलर ट्रेनों के संचालन की योजना तैयार कर चुका है। इसके लिए राज्यों से लगातार विचार-विमर्श जारी है। लेकिन इसी बीच कोरोना के अचानक बढ़ते प्रकोप के चलते रेलवे के कदम रुक हैं।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया कि फिलहाल स्पेशल ट्रेनें 93 पैसेंजर से भरी चल रही हैं। रेलवे सभी तरह की स्थितियों का दैनिक आधार पर आकलन कर रहा है। ट्रेनों के नियमित संचालन में रेलवे कोई जल्दबाजी से नहीं करना चाहता है।उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में बताया कि कोरोना काल के दौरान चल रही स्पेशल यात्री ट्रेनों से कुल 3322 करोड़ रूपये की आमदनी हुई है। यह आमदनी सामान्य समय के मुकाबले केवल 10 परसेंट है। लेकिन पैसेंजर्स की सुरक्षा सबसे अहम है। ट्रेनों के संचालन में राज्यों के रुख और उनकी सहमति बहुत जरूरी है। ट्रेन की यात्रा के लिए सभी के लिए कन्फर्म टिकट लेना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि रेलवे की कोशिश है कि आगे भी सभी पैसेंजर को कन्फर्म टिकट प्राप्त हो।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का होगा व्यापक उपयोग
रेलवे अपने पूरे आपरेशन में व्यापक बदलाव करते हुए इसका दायित्व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सौंपेगा। इसके लिए हैदराबाद में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। यहां डेटा एनलसिस एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस होगा। इसके लिए पहले बैच में कुल 88 अफशरों को दो महीने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है। इन्हें प्रत्येक जोन में तैनात किया जायेगा। इसके लिए और भी अफसरों का चयन किया जा रहा है। पैसेंजर, माल ढुलाई और टिकटिंग आदि के आपरेशन में इनका उपयोग किया जायेगा।