झारखंड: चारा घोटाला में पांच साल सजा के बाद अब बेल के लिए हाईकोर्ट जायेंगे लालू यादव
झारखंड के रांची डोरंडा कोषागार में हुए चारा घोटाला के मामले में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने बिहार के एक्स सीएम लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा दी है। अब लालू सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे। जेल से बाहर आने के लिए बेल पिटीशन भी दाखिल करेंगे।
रांची। झारखंड के रांची डोरंडा कोषागार में हुए चारा घोटाला के मामले में सीबीआइ की स्पेशल कोर्ट ने बिहार के एक्स सीएम लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा दी है। अब लालू सजा के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे। जेल से बाहर आने के लिए बेल पिटीशन भी दाखिल करेंगे।
लोहरदगा: 15 पुलिसकर्मियों की मर्डर में शामिल 10 लाख का इनामी नक्सली बलराम उरांव समेत नौ नक्सली अरेस्ट
हाईकोर्ट में 28 फरवरी के बाद हो सकेगी सुनवाई
लालू को हाईकोर्ट में अरजी समेत अन्य प्रक्रिया में लगभग एक से डेढ़ महीने तक का समय लगेगा। बेल पिटीशन पर सुनवाई अगले महीने शुरू हो सकेगी। हालांकि, बेल तभी मिलेगी, जब लालू ने चारा घोटाले के विभिन्न मामलों में मिली सजाओं को जोड़कर इस मामले में भी आधी सजा जेल में काट ली होगी। लालू प्रसाद यादव के वकील देवर्षि मंडल ने कहा कि सीबीआई कोर्ट के आदेश की कापी मिलने के बाद हाई कोर्ट में बेल पिटीशन के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हाईकोर्ट में लोअर कोर्ट रिकॉर्ड 28 फरवरी तक आयेगा। इसके बाद बेल पिटीशन पर सुनवाई हो सकेगी। पूरी प्रक्रिया में डेढ़ महीने का समय लगने की संभावना है। ऐसे में अगर बेल मिलती है, तब भी लालू को इतने समय तक जेल में ही रहना होगा।
उल्लेखनीय कि डोरंडा कोषागर का मामला साल 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं द्वारा 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है। इसमें 1996 में मुकदमा दर्ज हुआ। इस मामले में लालू यादव समेत 99 लोगों को कोर्ट ने सजा दी है।
चारा घोटाला के पांच मामलों में सजायाफ्ता हैं लालू
लालू प्रसाद यादव झारखंड में चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में सजायाफ्ता हो चुके हैं। उन्होंने अब तक साढ़े तीन साल जेल में गुजारे हैं। इसी आधार पर उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिली है। चारा घोटाला के दुमका कोषागार मामले में उन्हें अधिकतम सात साल की सजा मिली है। इसमें बेल की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी थी कि लालू प्रसाद यादव इस मामले में कितने दिनों तक जेल में रहे हैं? जब लालू के वकीलों ने उनके जेल में आधी सजा की अवधि (साढ़े तीन साल) तक रहने का दस्तावेज पेश किया, तब कोर्ट ने उन्हें बेल दी। चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में भी ऐसा ही होना तय माना जा रहा है। चारा घोटाला के मामलों में हाईकोर्ट ने अभी तक लोअर कोर्ट से सजा की आधी अवधि जेल में रहने के बाद ही बेल दी है।