अग्नि-4 मिसाइल का सफल परीक्षण,चार हजार किमी तक करेगी वार
परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया। चार हजार किलोमीटर तक प्रहार करने में सक्षम यह मिसाइल जमीन से जमीन पर प्रहार करती है।
- परमाणु शक्ति से लैस बैलिस्टिक मिसाइल 20 मिनट में चीन और पाक के किसी भी शहर को कर सकती है ध्वस्त
बालेश्वर। परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-4 का ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया। चार हजार किलोमीटर तक प्रहार करने में सक्षम यह मिसाइल जमीन से जमीन पर प्रहार करती है। इस तरह यह मिसाइल मात्र 20 मिनट में चीन और पाकिस्तान के किसी भी शहर को ध्वस्त कर सकती है। 20 मीटर लंबी, डेढ़ मीटर चौड़ी तथा 17 टन वजन की यह मिसाइल एक हजार किलो वजन तक विस्फोटक ले जाने की क्षमता रखती है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ट्रेनिंग लॉन्च के तहत मिसाइल का परीक्षण किया गया। बयान में कहा गया, 'मिसाइल को शाम 7.30 बजे के करीब एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया।' सरकार का कहना है कि इस परीक्षण में सभी मापदंडों का ध्यान रखा गया और प्रणाली को ठीक से परखा गया।इस मिसाइल में कई आधुनिक उपकरण लगाये गये हैं जिसमें इनर्शल नेवीगेशन सिस्टम भी शामलि है। मिसाइल को 900 मीटर की ऊंचाई तक भेजा जा सकता है।
कई बार हो चुका है परीक्षण
इस मिसाइल का पहला परीक्षण 11 दिसंबर, 2010 को किया गया था। ओडिशा के चांदीपुर में स्थित अब्दुल कलाम द्वीप के एलसी-4 से मिसाइल परीक्षण के दौरान सोमवार शाम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सीनयर साइंटिस्ट व अफसरों की टीम मौजूद थी। इस मिसाइल का कई बार सुबह, दोपहर, शाम और रात के वक्त सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
निशाने को ध्वस्त करने में रही कामयाब
यह मिसाइल हर मौसम में अपने निशाने को ध्वस्त करने में कामयाब रही है। स्वदेशी तकनीक से विकसित इस मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ के विज्ञानियों ने कहा कि मिसाइल की सटीक नियंत्रण प्रणाली ने लगातार भारतीय तकनीक की क्षमता को प्रमाणित किया है।
अग्नि 4 की खास बातें
अग्नि 4 मिसाइल अत्याधुनिक मिसाइल प्रौद्योगिकियों से लैस है। इसमें पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर लगे हैं। इसकी आधुनिकतम विशेषताएं उड़ान के दौरान आने वाली खामियों को खुद ठीक कर इसे दिशा निर्देशित करने में भी सक्षम है। स्वदेशी तौर पर विकसित रिंग लेजर ज्योरो और मिश्रित राकेट मोटर इसकी क्षमता को और भी बढ़ाता है। यह डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर छोटे से छोटे लक्ष्य को भी ध्वस्त करने में सक्षम है।
इंडिया पहले नहीं करेगा इस्तेमाल
वर्तमाान समये में इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल क्लब में शामिल है। इस क्लब में भारत अमेरिका रूस चीन और फ्रांस जैसे देश मौजूद हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण प्रामाणिक न्यूनतम प्रतिरोध वाली नीति के अनुरूप है। यानी यह परीक्षण पहले इस्तेमाल नहीं करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है जब चीन के साथ गतिरोध कायम है।
अग्नि सीरीज की मिसाइल में यह चौथी मिसाइल है। पहले इसे अग्नि II प्राइम के नाम से जाना जाता था। डीआरडीओ इसे डिवेलप करता है। इसका डिजाइन डीआरडीओ तैयार करता है और भारत डायनमिक्स लिमिटेड इसे तैयार करता है। इस मिसाइल का कुल वजन 17 हजार किलोमीटर है और लंबाई 20 मीटर है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।