Tamil Nadu : BJP को AIADMK ने दिया झटका, गठबंधन को तोड़ने का किया ऐलान
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजोपी को को बड़ा झटका लगा है। तमिलनाडु में बीजेपी के सहयोगी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने अपना गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
- 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को लगी बड़ी चोट
नई दिल्ली। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजोपी को को बड़ा झटका लगा है। तमिलनाडु में बीजेपी के सहयोगी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने अपना गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
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AIADMK का साथ छोड़ने से साउथ में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक की हार के बाद अन्नाद्रमुक के जरिये तमिलनाडु में बीजेपी की मौजूदगी बनी हुई थी। यह उसके बड़े सहयोगी दलों में था। यह बीजेपी व एनडीए पर भी बड़ी चोट है। इससे विपक्ष का नैरेटिव और मजबूत होगा। पहले से ही वह कह रहा है कि उसका I.N.D.I.A गठबंधन मेजोरिटी का प्रतिनिधित्व करता है। I.N.D.I.A गठबंधन आरोप लगाता रहा है कि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में कोई बड़ा दल नहीं है। वह दूसरे दलों को साथ लेकर नहीं चल पाता है।
पहले से ही बढ़ रही थी AIADMK और BJP की दूरी
पिछले कुछ दिनों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और बीजेपी में लगातार दूरी बढ़ रही थी। अन्नाद्रमुक ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ने का कारण दिवंगत द्रविड़ नेता अन्नादुरई, ईवी रामास्वामी पेरियार और अन्नाद्रमुक के दिवंगत नेता एमजी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता के अपमान को कारण बताया। उसने कहा कि पार्टी अपने नेताओं के अपमान को सहन नहीं कर सकती है। इसके जवाब में बीजेपी ने कहा कि द्रविड़ पार्टी को अपने विकास के साथ अन्नामलाई जैसे युवा नेता के बढ़ते कद से ‘समस्या’ है। अन्नामलाई ने अतीत में एक्स सीएम जयललिता सहित अन्नाद्रमुक नेताओं के बारे में आलोचनात्मक बयान दिया था। अन्नामलाई की ओर से अन्नादुरई की आलोचना को लेकर पिछले कुछ दिनों से अन्नाद्रमुक और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक जारी थी। अन्नामलाई बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए परेशानी
2024 के चुनाव से पहले अन्नाद्रमुक द्वारा गठबंधन तोड़ लेना बीजेपी के लिए अच्छा नहीं है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक उसका बड़ा सहयोगी दल था। इसके जरिये वह अपनी आवाज को दक्षिण में पहुंचा सकता था।इसने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को बीजेपी पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। वह कहता आया है कि बीजेपी के सहयोगी दल में कोई दमखम नहीं है। उसके कई सहयोगी दल एक-एक सांसद वाले हैं। विपक्षी आरोप लगाते हैं कि बीजेपी अपने सहयोगियों को तवज्जो नहीं देती है। इस तरह यह I.N.D.I.A बनाम NDA के नैरेटिव को कमजोर करेगा। पहले ही शिरोमणि अकाली दल और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) जैसे सहयोगी दल एनडीए से छिटक चुके हैं