धनबाद: शहीद हीरा झा के परिजनों को डीसी ने प्रदान किए भूमि के कागजात
डीसी संदीप सिंह ने बुधवार शहीद हीरा झा के परिजनों को भूमि के कागजात प्रदान किए। डीसी ने शहीद हीरा झा की पत्नी बीनू झा के नाम से गोविंदपुर अंचल के मौजा जियलगढ़ा में 12.5 डिसमिल आवासीय तथा गोविंदपुर अंचल के मौजा गहीरा में तीन एकड़ कृषि योग्य भूमि आवंटित किये हैं। डीसी ने इन जमीन के कागजात बीनू झा के पिता अशोक कुमार झा को प्रदान किए।
धनबाद। डीसी संदीप सिंह ने बुधवार शहीद हीरा झा के परिजनों को भूमि के कागजात प्रदान किए। डीसी ने शहीद हीरा झा की पत्नी बीनू झा के नाम से गोविंदपुर अंचल के मौजा जियलगढ़ा में 12.5 डिसमिल आवासीय तथा गोविंदपुर अंचल के मौजा गहीरा में तीन एकड़ कृषि योग्य भूमि आवंटित किये हैं। डीसी ने इन जमीन के कागजात बीनू झा के पिता अशोक कुमार झा को प्रदान किए।
डीसी ने श्री झा से कहा कि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर वे बेहिचक जिला प्रशासन के पास आ सकते हैं। साथ ही शहीद के परिजनों के बारे में पृच्छा की। श्री झा ने डीसी को बताया कि उनकी पुत्री वर्तमान में नई दिल्ली में रहकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है। शहीद की पुत्री कृता लेडी श्रीराम कॉलेज में ईकोनोमी हॉनर्स में है। पुत्र ध्रुव एयरफोर्स की बाल भारती स्कूल में पढ़ाई कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि धनबाद के गांधी नगर में रहने वाले शहीद हीरा झा चार जुलाई 2014 को बिहार के जमुई जिले के लखारी गांव में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गये थे। वर्ष 1999 से सीआरपीएफ में सेवा देने वाले एक बहादुर अफसर थे। गिरिडीह शहर के बेस कैंप में उन्हें सूचना मिली थी कि झारखंड - बिहार के बॉर्डर पर नक्सली छिपे हुए है। इसके बाद वे सर्च करते-करते जमुई पहुंच गए। तभी नक्सलियों ने उनकी टीम पर फायरिंग शुरु कर दी। जवाबी फायरिंग में हीरा झा की कई गोलियां नक्सलियों को लगी। वहीं नक्सलियों द्वारा की गई फायरिंग में वे शहीद हो गये। इस ऑपरेशन में कई मोस्ट वांटेड नक्सलियों को भी सीआरपीएफ ने गिरफ्तार किया था। हीरा झा सीआरपीएफ से पहले वे बीएसएफ में भी अपनी सेवा दे चुके थे।
इस मौके पर एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) डॉ कुमार ताराचंद, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार विभाग के संजय कुमार झा, आईटी रेवेन्यू रुपेश कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे।