धनबाद: दुश्मनी भूल सूर्यदेव व सकलदेव के बेटे ने मिलाया हाथ, सिद्धार्थ गौतम व रणविजय सिंह आये एक मंच पर
कोयला मजदूरों की समस्याओं को लेकर धनबाद के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी घराने सिंह मेंशन व गोकुल के राजनीतिक ‘युवराज’ एक साथ हो गये हैं। रणविजय सिंह व सिद्धार्थ गौतम लगभग ढ़ाई दशक की पुरानी फैमिली दुशमनी भुलाकर हाथ मिला लिया है। दोनों शुक्रवार को सिजुआ में एक साथ मंच शेयर किया।
- लगभग ढाई दशक से दोनों फैमिली में चल रहा था टशन
- हिंद मजदूर सभा के अधिवेशन के बहाने मिटीं दूरियां
विवाद के कारण
- 15 जुलाई 1998 को कतरास हटिया शहीद भगत सिंह चौक पर हुई थी रणविजय सिंह के चाचा बिनोद सिंह की मर्डर
- रामधीर सिंह, बच्चा सिंह, राजीव रंजन सिंह, शेर बहादुर सिंह और ड्राइवर अनिल यादव पर लगा था आरोप, रामधीर को मिली है कि उम्र कैद की सजा
- 25 जनवरी 1999 को हुई थी रणविजय सिंह के पिता सकलदेव सिंह की मर्डर
- बच्चा सिंह,रामधीर सिंह व राजीव रंजन सिंह पर लगा था आरोप, कोर्ट से दोनों भाई हो चुके हैं बरी
धनबाद। कोयला मजदूरों की समस्याओं को लेकर धनबाद के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी घराने सिंह मेंशन व गोकुल के राजनीतिक ‘युवराज’ एक साथ हो गये हैं। रणविजय सिंह व सिद्धार्थ गौतम लगभग ढ़ाई दशक की पुरानी फैमिली दुशमनी भुलाकर हाथ मिला लिया है। दोनों शुक्रवार को सिजुआ में एक साथ मंच शेयर किया।
हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) के अधिवेशन की लिए तैयारी और चर्चा के बहाने दोनों घरानों की दूरियां मिटती दिखीं। सिजुआ गेस्ट हाउस में दोनों के बीच दोस्ती नई कहानी लिखी गई। सैकड़ों लोग इसके गवाह सैकड़ों लोग बने। हिद मजदूर सभा की कोयलांचल में प्रस्तावित अधिवेशन को लेकर सिजुआ गेस्ट हाउस में बिजखामसं व जनता मजदूर संघ की ज्वाइंट मीटिंग हुई। इसमें अधिवेशन को सफल बनाने पर चर्चा हुई। बिजखामसं के महामंत्री कांग्रेस लीडर रणविजय सिंह के पहुंचने के पांच मिनट पूर्व जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह पहुंचे। पहले बंद कमरे में दोनों के बीच लगभग आधा घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद दोनों साथ-साथ बाहर निकले और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की। दलीय राजनीति में दो विचारधारा के लोगों ने ट्रेड यूनियन की राजनीति में एक होकर मजदूरों की लड़ाई लड़ने की घोषणा की।
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दोनों ने कहा कि बीसीसीएल में अफसरशाही हावी है। कर्मियों को वाजिब हक नहीं मिल रहा है। अधिवेशन के माध्यम से कर्मियों को हक व अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि हिद मजदूर सभा ही एकमात्र श्रमिक संगठन है जो न सिर्फ गरीब, शोषित, किसान, संगठित व असंगठित मजदूरों की लड़ाई लड़ती है बल्कि हक भी दिलाती है।रणविजय व सिद्धार्थ ने कहा कि संगठन को सशक्त व मजबूत बनाने की रूपरेखा अधिवेशन में तैयार की जाएगी। हाल के दिनों में संगठन में कुछ शिथिलता आई है। इसे दुरुस्त कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिवेशन के दौरान नई कमेटी की घोषणा होने की संभावना है। अधिवेशन कब और कहां होगा, इसपर कुछ दिनों के बाद विस्तार से जानकारी दी जायेगी।
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दोनों घराने के बीच थी पुरानी रंजिश
दोनों घरानों का कोई मेंबर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में सालों बाद एक साथ दिखा था। सिंह मेंशन सूर्यदेव सिंह की फैमिली एवं गोकुल सकलदेव सिंह के परिवार के बीच बीते दो दशक से भी अधिक समय से टशन चल रहा है।ढाई दशक से दोनों घरानों के बीच चल रहे विवाद के परिप्रेक्ष्य में इस मिलन पर राजनीतिक पंडित कई कयास लगा रहे हैं। दोनों परिवारों के बीच सड़क से कोर्ट तक लंबी लड़ाई चली थी। विनोद सिंह की मर्डर के बाद उनके बड़े भाई सकलदेव सिंह (रणविजय के पित) की मर्डर के मामले में मेंशन के लोग आरोपित बनाये गये थे।
कतरास हटिया शहीद भगत सिंह चौक 15 जुलाई 1998 को रणविजय सिंह के चाचा बिनोद सिंह की मर्डरकर दी गयी थी। इसमें रामधीर सिंह, बच्चा सिंह, राजीव रंजन सिंह, शेर बहादुर सिंह और ड्राइवर अनिल यादव एक्युज्ड थे। राजीव रंजन की मौत हो चुकी है। अनिल फरार हैं। कोर्ट से बच्चा सिंह बरी हो गये हैं। बिनोद मर्डर में ही रामधीर उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। रणविजय सिंह के पिता सकलदेव सिंह की मर्डर 25 जनवरी 1999 को हुई थी।इसमें बच्चा सिंह, रामधीर सिंह तथा राजीव रंजन सिंह पर आरोप लगा था। मामले में बच्चा व रामधीर बरी हो चुके हैं।
वर्ष 2010 में धनबाद नगर निगम के पहले चुनाव के दौरान कुछ दिनों के लिए दोनों घरानों में अघोषित समझौता हुआ था। वर्ष 2011 की सात दिसंबर को रणविजय सिंह के फूफा व कांग्रेस लीडर सुरेश सिंह की धनबाद क्लब में मर्डर हो गयी।इसके बाद दोनों फैमिलीकी दूरिया फिर से बढ़ गयी। इस मर्डर में रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह नेम्ड एक्युज्ड है। वह पिछले 10 साल से फरार चल रहे हैं।सुरेश हत्याकांड के कुछ वर्ष बाद रघुकुल के साथ रणविजय सिंह की ट्यूनिंग ठीक-ठाक हो गयी। एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह के रहते दोनों ही घरानों का हिंद मजदूर सभा के बैनर तले संयुक्त कार्यक्रम कोयला नगर में हुआ था। एचएमएस से संबद्ध मजदूर संगठन चलाने के बावजूद सिंह मेंशन व सकलदेव के फैमिलीमें लगातार दूरी बनी रही। दोनों अलग-अलग कार्यक्रम करते रहे हैं। लेकिन आज सिजुआ में हुई बैठक में सिद्धार्थ गौतम व रणविजय के एक साथ आ जाने से दूरिया मिट गयी है।
कोयलांचल के दो घोर विरोधी घराने सिंह मेंशन व गोकुल के दो युवराज का एक मंच पर आने से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह व स्वर्गीय सकलदेव सिंह के परिवार के बीच आपसी प्रतिद्वंद्विता सार्वजनिक है। स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के पुत्र सह जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सह जेबीसीसीआई के सदस्य सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह तथा स्वर्गीय सकलदेव सिंह के पुत्र बिहार जनता खान मजदूर संघ के महामंत्री सह कांग्रेस लीडर सचिव रणविजय सिंह एक-दूसरे के साथ मिले तो राजनीति गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।