दुमका:JMM स्थापना दिवस पर दो फरवरी को सांकेतिक होगा आयोजन, सीएम हेमंत बोले- परिस्थितियों से समझौता भी एक सीख
सीएम हेमंत सोरने ने कहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर जेएमएम का 42 वां स्थापना दिवस दो फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में सांकेतिक रूप से मनाया जायेगा। इसके लिए एक एसपीओ शीघ्र ही पार्टी के प्रधान कार्यालय के माध्यम से जारी कर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को अवगत करा दिया जायेगा।
दुमका। सीएम हेमंत सोरने ने कहा है कि कोविड-19 के मद्देनजर जेएमएम का 42 वां स्थापना दिवस दो फरवरी को दुमका के गांधी मैदान में सांकेतिक रूप से मनाया जायेगा। इसके लिए एक एसपीओ शीघ्र ही पार्टी के प्रधान कार्यालय के माध्यम से जारी कर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को अवगत करा दिया जायेगा। उन्होंने कहा- दो फरवरी को संताल परगना के सभी छह जिलों से हजारों की संख्या में पार्टी नेता और कार्यकर्ता गांधी मैदान पहुंचते थे।लेकिन अबकी बार सबको धीरज धरने की जरूरत है। सभी नेता व कार्यकर्ता अपने-अपने जिलों में ही दो फरवरी के परंपरा को याद कर इसका निर्वहन करें ताकि राज्य व यहां की जनता कोविड-19 से महफूज रह सकें।
अफसरशाही की कंपलेन से एमएलए बसंत हुए नाराज
कोरोना वायरस से प्राण गंवाने वालों को दी जायेगी श्रद्धांजलि
सीएम सह जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सोमवार को दुमका क्लब में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संताल परगना प्रमंडल स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि दो फरवरी को स्थापना दिवस पर आयोजन के माध्यम से झामुमो राज्य के उन तमाम लोगों को एक श्रद्धांजलि देगा जो कोविड-19 की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। सीएम ने भावुक मन से कहा कि कोविड-19 ने वर्षाें से चली आ रही परंपराओं को ध्वस्त किया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी जान गंवा चुके हैं। यह पहला अवसर होगा जब पार्टी की प्रमंडलीय बैठक में उनकी कमी साफ तौर पर महसूस हो रही है। कोरोना की वजह से मानव जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पर्व, त्योहार, शादी, श्राद्धकर्म समेत जीवन के हरेक क्षेत्र में कोविड-19 ने इस कदर दखलअंदाजी की है कि हर कोई बेबस व लाचार महसूस कर रहे हैं। बड़ी मुश्किल से जीवन को पटरी पर लाने की पहल हो रही है। देश-विदेश के डॉक्टर व साइंटिस्ट मिलकर कोविड-19 को हराने की कोशिश में जुटे हैं। कुछ हद तक सफलता जरूर मिली है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में थोड़ी-सी असावधानी खतरनाक हो सकता है।
झामुमो के लिए दो फरवरी महत्वपूर्ण
सीएम ने कहा कि दो फरवरी का झामुमो के लिए क्या महत्व है यह उनसे बेहतर कौन समझ सकता है। इस वर्ष वृहत रूप से दो फरवरी को आयोजन नहीं होने से उन्हें भी दुख और मलाल होगा लेकिन परिस्थितियों के हाथों कभी-कभी समझौता करना भी एक बड़ी सीख है। कहा कि यह जरूरी है कि राज्यहित में हम अपनी परंपराओं को सूझबूझ से बचाएं। इसलिए यह सुझाव सबसे अहम है कि दो फरवरी मनाया भी जाए और किसी का कोई नुकसान भी नहीं हो। इसके लिए विधिवत एसओपी बनाकर पार्टी अपने परंपरा को निभाएगी। बैठक को एमएलए बसंत सोरेन, राजमहल एमपी विजय हांसदा, पूर्व मंत्री व विधायक नलिन सोरेन, लोबिन हेंब्रम, बसंत सोरेन, एक्स एमएलए नलिन सोरेन, लोब्न हेब्रम, शशांक शेखर भोक्ता, केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह समेत कई नेताओं ने भी संबोधित किया।
निश्चिन्त रहें सरकार जन समस्याओं के प्रति गंभीर: सीएम हेमंत
सीएम सोरेन ने कहा कि जनता की समस्याओं का निराकरण सरकार की विशेष प्राथमिकता है । हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों की जानकारी लेकर उसे यथासंभव दूर किया जाए। यह बातें सीएम सीएम राजभवन दुमका में अपनी- अपनी समस्याओं को लेकर आए विभिन्न संघों और जनता से संवाद के दौरान कही। इस मौके पर जहां कई संघों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सीएम को सौंपा। कई लोगों ने आवेदन देकर अपनी परेशानियों से उन्हें अवगत कराया।
सीएम ने कहा कि आपने जो समस्याएं बताई है, उस पर यथोचित कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये जायेंगे।मौके पर ही उन्होंने कई लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अफसरों को दिशा- निर्देश भी दिया।सीएम ने कहा कि लोगों की समस्याओं को लेकर अफसरों को संवेदनशीलता दिखानी होगी।उन्होंने कहा कि जनता की जायज समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के अनुसार अफसर करें।बेवजह किसी मामले को लटकाने की कोशिश न हो।इसमें जो भी लापरवाही बरतेंगे, उनके खिलाफ नियमानुकूल कार्रवाई की जायेगी ।
बड़ी संख्या में लोग सीएम के पास अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। सीएम ने एक- एक कर सभी की समस्याएं सुनी और उनके आवेदन भी लिए। सीएम को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपने वालों में जल सहिया संघ झारखंड प्रदेश, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संघ, वायफ़ कर्मचारी संघ समेत कई और संघ के प्रतिनिधिगण शामिल थे। नौकरी, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ, जमीन से जुड़े मामले, राशन कार्ड , इलाज के लिए सरकारी सहायता आदि के लिए भी कई लोगों ने मुख्यमंत्री को आवेदन सौंपा।मौके पर डीसी रजेश्वरी बी, एसपी अम्बर लकड़ा, डीडीसी डॉ संजय सिंह, एसडीएम महेश्वर महतो सहित अन्य अफसर उपस्थित थे।झामुमो आंदोलन की पार्टी, गलत हरकत की इजाजत किसी को नहीं: सीएम हेमंत सोरेन
दुमका। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि झामुमो आंदोलन की पार्टी है। पार्टी की बैठक में जब हमारे नेता और कार्यकर्ता अपनी बात रखते हैं तो उसमें उनकी पीड़ा भी शामिल रहती है। किसी भी पदाधिकारी को गलत हरकत करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सीएम सोमवार को झामुमो की प्रमंडलीय बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कई चीजें बोलने और करने का तात्पर्य अलग-अलग होता है। यदा-कदा ऐसी बातें आती है। सीएम के बैठक में पहुंचने से पहले जामताड़ा के झामुमो जिला अध्यक्ष सहित पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने अपनी यह पीड़ा साझा की थी कि ब्लॉक के बीडीओ,सीओ और थानेदार हम कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते। झामुमो कार्यकर्ताओं की शिकायत है की जनता की समस्या को लेकर जब बीडीओ-सीओऔर थानेदार के पास जाते हैं तो उनकी बातों को नजरअंदाज किया जाता है। बैठक में दुमका एमएलए बसंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं की इस भावना को नोटिस किया था। बैठक में बसंत अपने अंदाज में कार्यकर्ताओं की पीड़ा को सीएम के समक्ष रखा।
अपनी सरकार रहते कार्यकर्ता की बात नहीं सुनते बीडीओ-सीओ
बसंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि यह दुर्भाग्य और अफसोस की बात है कि राज्य में अपनी सरकार रहते बीडीओ,सीओ और थानेदार हमारी बात नहीं सुनते। अब नहीं सुनेंगे तो कब सुनेंगे। बसंत सोरेन ने कहा कि जब हमलोग अलग राज्य के लिए संघर्ष कर रहे थे तब खुद पार्टी सुप्रीमो दिशोम गुरु ने कार्यकर्ताओं को कहा था कि बीडीओ-सीओ और थानेदार बात नहीं सुनता है तो उसे जूता से मारो। आज तो आपकी अपनी सरकार है। फिर भी अगर बीडीओ-सीओ और थानेदार बात नहीं सुन रहा तो यह काफी अफसोस की बात है। विधायक बसंत सोरेन ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आगे से इस तरह की शिकायत हम नहीं सुनना चाहते हैं।बसंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य में आज हमारी सरकार है। हमने काफी संघर्ष से राज्य पाया। हमारी सरकार होने के बावजूद अगर बीडीओ-सीओ हमारी नहीं सुनता, आप यह शिकायत दर्ज करा रहे हैं तो यह अफसोसजनक है। उन्होंने कहा कि बीडीओ और सीओ के नहीं सुनने के बाद भी चुप हैं तो यह अफसोस की बात है।
अफसरों को मनमानी करने की इजाजत नहीं
सीएम हेमंत सोरेन ने बसंत के बयान पर सवाल के जवाब में कहा कि हम लोग आंदोलन की उपज हैं। इस तरह के बैठक में पार्टी कार्यकर्ता अपनी बात आकर रखते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी शिकायत है तो कहीं कोई बात होगी। अफसरों को मनमानी करने की इजाजत नहीं दी जायेगी.