धनबाद: घर में मां के बॉडी के साथ रह रही थी बेटी, बदबू आने पर पड़ोसियों ने दी पुलिस को सूचना
धनबाद पुलिस स्टेशन एरिया के हीरापुर जेसी मल्लिक रोड स्थित एक घर बेटी अपनी 65 वर्षीय मां की बॉडी के साथ चार-पांच दिनों से घर में रह रही थी। मां की मौत की खबर बेटी ने किसी को नहीं दी। मानसिक रूप से बीमार बेटी मां की बॉडी के साथ घर में रह रही थी।
धनबाद। धनबाद पुलिस स्टेशन एरिया के हीरापुर जेसी मल्लिक रोड स्थित एक घर बेटी अपनी 65 वर्षीय मां की बॉडी के साथ चार-पांच दिनों से घर में रह रही थी। मां की मौत की खबर बेटी ने किसी को नहीं दी। मानसिक रूप से बीमार बेटी मां की बॉडी के साथ घर में रह रही थी। दुर्गंध से परेशान पड़ोसी ने मामले की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ।
बेथल स्कूल के पास स्वर्गीय नादु गोपाल घोषाल की विधवा वृद्ध आलोका घोषाल (65) अपनी बीमार बेटी (25 वर्ष) भी रहती थी। पड़ोसियों का कहना है कि तीन-चार दोनों मां-बेटी को एक सप्ताह पहले देखा गया था। दोनों किसी से बातचीत नहीं करती थीं। घर से भी काफी कम निकलती थीं। आलोका की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। बॉडी को देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि चार-पांच दिन पूर्व आलोका की मृत्यु हुई होगी। पड़ोस में रहने वाले लोग तीन-चार बदबू से परेशान थे। लोगों ने एक्स पार्षद प्रिय रंजन को सूचना दी। प्रिय रंजन ने पुलिस को जानकारी दी। मौके पर पहुंची घर में घुसी को सड़ी-गली बॉडी देखी।पलंग के नीचे आलोका का बॉडी पड़ा हुआ था। कीड़ा लग चुका था। मानसिक रुप से बीमार बेटी एक कमरा में हंस रही थी। पुलिस बॉडी को कब्जा में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घर में आंगन से लेकर पलंग तक खून के दाग मिले हैं। पति की हो चुकी थी मौत
पड़ोसियों ने बताया कि आलोका के पति नादु घोषाल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पतरातू से रिटायर हुए थे। चार साल पहले उनकी मृत्यु हो गई। आलोका जेसी मल्लिक रोड स्थित अपने पिता स्वर्गीय एसके चटर्जी के मकान में वर्षों से रह रही थीं। उनके पुत्र इंद्रजीत घोषाल दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। बोनी के अलावा आलोका की एक और पुत्री है। पार्षद प्रिय रंजन ने फोनकर आलोका की मौत की खबर उनके बेटे इंद्रजीत घोषाल को दी। इंद्रजीत ने बताया कि उन्हें धनबाद आने में दो दिन लगेंगे। इसलिए उनकी मां के बॉडीका अंतिम संस्कार कर दिया जाए। पड़ोसियों ने बताया कि पिता की मौत के बाद इंद्रजीत तीन साल पहले धनबाद आए थे। उन्हें मां ने घर में घुसने नहीं नहीं दिया था। मां-बेटे में मेलजोल नहीं था।